Monday, November 10, 2014

तीलियाँ

तीलियाँ 


ख्याल तुम्हारे 
- माचिस की तीलियाँ - 
रगड़ते रहे रात भर 
हम मन की डिबिया पर 

ना जाने कैसे 
सील गयीं तीलियाँ 
वक़्त के छीटों से 
हर चिंगारी बुझ गयी, जल कर 

टूटीं तीलियाँ 
खाली हुई डिबिया 
सिगरेट दिल की मगर 
रह गयी अधजली, होठों पर 


9/7/1997






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