Monday, November 10, 2014

एक बारात

एक बारात 

बूढ़ी घोड़ी
फटा बैंड
धुत बाराती
सँग गैस लाइटों की कतार

थके बुज़ुर्ग
नाचते बच्चे
अंजान दुहला
लिए किराए की एक तलवार

जटके ज़ेवर
सफारी सूट
चमकीले गोटे
उच्छले नए नोटों के कई हार

गरीब पलटन
पीछे पीछे
दौड़े हरदम
हुई जब चव्वनिओ की बौछार

पैसे खा कर
ट्रैफिक रोके
खड़ा सिपाही
सुने फ़िल्मी गानों की सौग़ात

एक अजनबी
घर की तलाश में
गुमशुदा
यूँ गुज़री सड़क से बारात



4/8/2001






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