सरसराहट
कैसे मैं मन संवारता हूँ
कैसे मैं राहें बुहारता हूँ
कैसे वक़्त की मकड़ी
के जाले उतारता हूँ
के जाले उतारता हूँ
कैसे साँस में जकड़ी
ख्वाइशें निकालता हूँ
कैसे थकी आँखें तराशता हूँ
कैसे फिर दिल संभालता हूँ
तेरे आने की सरसराहट पर
4/7/2001
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